Monday 21 April 2014

कौन बनेगा भारत का प्रधानमंत्री ?

आज देश में जब लोकसभा के चुनाव हो रहें हैं तो लोगो कि नजर यह देखने में लगी हैं कि इस बार कौन होगा भारत का प्रधानमंत्री। अटकले लगाने का बाजार गर्म हैं।
            यदि हम पार्टियो कि बात करें तो प्रत्येक पार्टी अपने अपने नेता के जितने कि बात कर रही हैं। सभी नैताओ कि पास अलग-अलग किन्तु मजबुत मुद्दें हैं। यदि हम आप पार्टी कि बात करे तो ऐसा नेता मिलता हैं जिसने कुर्सी कि परवाह किये बिना लोगो कि बारे में ही सोचा। यहाँ यह भी माना जा रहा हैं कि आप के मुख्य नेता अरविन्द केजरीवाल शायद अपने किये गए वादो को पूरा करने में स्वयं ही असमर्थ थे सो उन्होनें अपने पद से स्तीफा दे दिया। वास्तविक्ता का जबकि पता ही नही हैं किसी को कि क्या सही हैं। किन्तु ये तो माना ही होगा कि उन्होने हो मुद्दे उठाए वह आम आदमी के हित के लिए ही थे।
            ठीक दूसरी तरफ काग्रेंस ने जो विकास पिछलें 10 वर्षों में देश में किये उन्हे भी नजर अंदाज नही किया जा सकता हैं मैट्रों, फ्लाईओवर, एयरपोर्ट, मोबाइल में 2जी, 3जी और अब 4जी सराहनीय कार्य रहें हैं। किन्तु साथ ही कई ऐसे भी कार्य रहें जो अत्यंत दु:खदायी रहैं। खैर overall इनके पास भी दमदार मुद्दा हैं प्रधानमंत्री बनने का।
            अब हम बात करतें हैं बीजेपी की पिछले विधानसभा चुनाव में दमदार जीत हासिल करने वाली पार्टी बीजेपी ने भी सदैव विपक्ष में रहकर अहम भुमिका निभाई हैं। आजादी के बाद बहुत कम ही अवासर इस पार्टी को देश की कमान संभलने का मिला। वर्तमान में बीजेपी के मुख्य नेता नरेन्द्र मोदी जिन्होनें गुजरात का नाम देश में ही नही विदेशो में भी फैलाया हैं। अब वे उसी विकास को सम्पूर्ण भारत में भी करना चाहते हैं। कई आलोचनात्मक कार्य भी गुजरात में इनके शासन काल में रहें हैं। अटकलो के बाजार में नरेन्द्र मोदी को लगभग देश का प्रधानमंत्री मान भी लिया गया हैं। मिडिया भी इस बात को हवा दे रही हैं। सभी विपक्ष की पार्टी को इस बात का एहसास भी शायद हैं।
आइये हम जाने कि ज्योतिष गणना के अनुसान भारत के प्रधानमंत्री बनने कि उम्मीद किस नेता कि ज्यादा हैं।
1. अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)- केजरीवाल कि पत्रिका वृषभ लग्न कि हैं। चंद्रलग्न भी वृषभ ही हैं।
Arvind Kejriwal Horoscope
वृषभ राशि वाले व्यक्ति सदैव लोगो का भला करते हुए पाए जातें हैं। अपने बुते से बाहर जाकर कार्य करना कई बार उन्हे नुकसान दे जाता हैं। केजरीवाल की पत्रिका में शनि वक्री होकर द्वादश भी में नीच राशि में होकर स्थित हैं। शनि का नीचभंग भी नही हो रहा हैं। 7 नवम्बर से गोचर के वक्री गुरु ने इन्हे दिल्ली विधानसभा में जीत दिलवाई। 28 दिसम्बर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक ये दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। वक्री गुरु मे ही पद का त्याग भी कर दिया। यदि वर्षकुण्डली का अध्ययन करे तो वर्षेश सूर्य हैं और मुथा कुभं की हैं जिसके स्वामी शनि हैं। मुंथा भाव पंचम हैं। मंगल भी नीच के  Natal horoscope में स्थित हैं। पत्रिका का दशम भाव जहाँ रोजगार से संबंधित होता हैं वही सम्मान प्राप्ति व अप्राप्ति को भी दर्शाता हैं। नवम व दशमभाव के स्वामी ग्रह शनि की द्वादश भाव में वक्री होकर स्थित हैं। गोचर में भी चल रहें वक्री शनि अब सम्मान को क्षति पहुचाने लगेगें। जिस प्राकार अरविंद केजरीवाल का नाम चढा था उसी प्रकार अब उतरने भी लगेगा।
            दिसम्बर 2013 में जहॉ आप पार्टी को लोग एक शसक्त पार्टी मानने लगें थे अब वे ही नकारने लगेंगें। मुख्यमंत्री पद के हिसाब से इन दिनो इनकी पत्रिका कमजोर हो चली हैं। सप्तमेंश मंगल जो कि गोचर में 2 मार्च से वक्री चल रहें हैं। वे अपने ही दल के लोगो में अलगाव को बढाऐगें। परिणाम हम इन दिनो देख ही रहें हैं।

2. राहुल गाँधी (कांग्रेस पार्टी)-  राहुल गाँधी की पत्रिका मकर लग्न की हैं तथा इनकी राशि वृश्चिक हैं। वृश्चिक में
Rahul Gandhi Horoscope
स्थित चंद्रमा नीच के होतें हैं। चन्द्रमॉ का नीचभंग भी नही हो रहा हैं साथ ही चतुर्थ भाव में शनि भी अपनी नीच राशि मेंष में होकर स्थित हैं। किन्तु यहाँ शनि का नीचभंग हो रहा हैं। इस समय इनकी पत्रिका में चंद्रका में मंगल की दशा चल रही हैं। दोनो ही ग्रह (चंद्रमा व मंगल) पत्रिका में एक दूसरे से छठे व आठवे होकर स्थित हैं। अत: यह दशा षडाष्टक ग्रहों कि दशा कहलाती हैं। षडाष्टक ग्रह की दशा शुभ परिणाम नही देती हैं साथ ही शनि भी इस समय गोचर में इनकी राशि वृश्चिक से द्वादश भाव में चल रहे हैं हो कि साढेसाती के रुप में पीडित कर रहें हैं। मंगल जो कि एक उर्जात्मक ग्रह हैं वे इनकी पत्रिका में अस्त भी हैं। अस्त ग्रह कि दशा शुभ परिणाम देने में असमर्थ होती हैं। यहॉ हम ऐसे व्यक्ति कि कल्पना कर समते हैं हो देना तो कुछ चाहतें हैं किन्तु स्वयं के जले शरीर के कारण स्वयं ही पीडित हैं। ज्योतिष में एक नियम हैं कि यदि कोई ग्रह जब अस्त् होता हैं तो उस ग्रह के शुभ-अशुभ परिणाम सुर्य देते हैं। क्योकि ग्रह सूर्य के सानिद्धय में ही अस्त होते हैं। यहाँ यदि हम सूर्य से शुभ परिणाम प्राप्ति कि बात करें तो सूर्य भी 3.33 अंश पर स्थित हैं। जो कि लगभग राशिसंधि के पास हैं। अत: सूर्य इनके लिए favorable रुप से कार्य करने में असमर्थ हैं। गुरु भी जून तक मिथुन राशि में ही रहेगें जो कि इनकी चंद्रकुण्डली से अष्टम भाव में स्थित हैं। अत: गुरु भी शुभ फल प्रदान करने में असमर्थ से प्रतित हो रहें हैं।
            अब हम इनकी वर्ष कुण्डली का अध्ययन भी कर लेते हैं। 18 जुन 2013 को निर्मित वर्षकुण्डली मकर लग्न की हैं। इसमें वर्षेश शनि व मुथां सिंह कि हैं जो कि अष्टम भाव में स्थित हैं। अर्थात मुथां भाव अष्टम हैं। वर्षेश शनि कार्यो में सफलता धीरे-धीरे प्रदान करेगें। इस वर्ष शनि के प्रभाव से व्यक्ति किसी पर भी पूर्णरुप से विश्वास नही करे पाऐगें। शनि कि प्रभाव के कारण योजनाए बनाने में व्यवहारिक व दर्शानिक दृष्टिकोण तो अपनाते हैं किन्तु सफलता का स्तर घटता रहता हैं। जिसका आभास व्यक्ति को होने भी लगता हैं।
अष्टम भाव की मुथां इस वर्ष पद, स्वास्थ्य,सम्मान, पारिवारिक रिश्तो व प्रतिष्ठा आदि विषयों से हानि प्रदान कर सकती हैं। इस समय व्यक्ति को अत्यधिक संधर्ष अपने आप को व अपके पक्ष को बनाएं रखने के लिा करने पडते हैं। सफलता प्राप्त न होने पर धार्मिक प्रवृति का त्याग तक करने कि सोचने लगता हैं। ऐसा यदि करता हैं तो आगे चलकर ओर भी नुकसान दायक रहता हैं। अष्टम भाव की मुंथा व वर्षेश शनि होने पर धर्म-कर्म में समय देना हितकर रहता हैं। Overall  प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रुप में यह पत्रिका भी दमदार प्रतीत नही हो रही हैं।

3. नरेन्द्र मोदी (भाजपा पार्टी)-  तुला लग्न की जन्मपत्रिका नरेन्द्र मोदी की हैं। मंगल लग्न में ही विराजमान हैं। बुध
Narendra Modi Horoscope
उच्च के वक्री होकर द्वादश भाव में स्थित हैं। चन्द्र राशि मिथुन हैं। इनकी जन्म पत्रिका में लग्र के स्थित मंगल इन्हे उर्जावान व अविश्वनिय निर्णय लेने वाला बनातें हैं। लग्न में स्थित मंगल व्यक्ति को साहसी, आत्मविश्वासी व उच्चकोटि का कार्य करने मे सक्षम बनाते हैं। मंगल के प्रभाव में व्यक्ति selfdisicion लेने वाला होता हैं जिसके  कई बार खामियाजा भी अठाना पडता हैं।
ज्योतिष जगत में शुक्र व मंगल के combination के प्रभाव वाले व्यक्ति अपने कार्यो को कलात्मक तरीके से स्पष्टता पूर्वक करता हैं। जिसकी छाप लोगो के दिलो पर लम्बे समय तक बनी रहती हैं। नरेन्द्र मोदी कि जन्मपत्रिका में लग्न मे ंमंगल तुला राशि में स्थित हैं जिसपर शनि सूर्य युक्त शुक्र कि दृष्टि द्वारा व नावांश कुण्डली में शुक्र व मंगल एक दूसरे के नावांश में स्थित होकर शुक्र व मंगल के संयुक्त गुणों का प्रभाव इनपर दर्शा रहे हैं। इनकी जन्म पत्रिका में दशम भाव के स्वामी चंद्रमा नवम भाव में स्थित हैं हो कि एक राजयोग हैं साथ ही अस समय लग्नेश शुक्र में दशमेंश चंद्रमा की दशा भी चल रही हैं। गुरु भी इस समय पत्रिका के नवम भाव व चंद्रराशि से गोचर कर रहें हैं। जो कि इनमें आत्मविश्वास व कार्यो में सफलता को दर्शा रहे हैं। इन दिनो जो मोदी कि लहर कहा जा रही हैं वह शुक्र-चंद्र कि दशा व गुरु की देन हैं। 16 जुन 2013 से 14 फरवरी 2015 तक यह दशा रहेगी जो इनके प्रधानमंत्री होने का पुखता प्रमाण दे रही हैं।
            अब हम इनकी वर्ष कुण्डली पर भी एक नजर डाल लेते हैं कि क्या वर्ष कुण्डली भी इनके प्रधानमंत्री होने का प्रमाण दे रही हैं या नही?
अक्टुबर 2001 में जब से गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री बने थे तो उस समय इनकी वर्ष कुण्डली में वर्षेश सूर्य व मुंथा मकर राशि कि थी। इस वर्ष भी सितम्बर 2013 में निर्मित इनकी वर्ष कुण्डली में वर्षेश सूर्य व मुंथा मकर की ही हैं। अर्थात वर्ष कुण्डली भी प्रधानमंत्री पद का प्रमाण दे रही हैं।
इतने शुभ योगो के बाद भी एक बात ध्यान देने वाली हैं कि इनकी पत्रिका में राजयोगकारक चंद्रमा केन्द्रुम योग का  निर्माण कर रहे हैं। ज्योतिष में राजयोग भंगध्याय में लिखा है कि यदि चंद्रमा षडबल में कमजोर हो, अस्त , नीचराशि, शत्रुक्षेत्री, केन्द्रुम योग में व कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथी के पश्चात व शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथी के पूर्व का चंद्रमा (पक्षबल हीन) हो तो समस्त राजयोग भंग हो जाते हैं।


तीनो पत्रिकाओ का निष्कर्ष - प्रधानमंत्री पद पर तो नरेंद्र मोदी ही होगें किन्तु पूर्णबहुमत से सरकार बनाने में संदेह हैं।