Friday 26 October 2012

मांगलिक दोष या योग

    प्रत्येक दंपत्ति की चाह होती है कि उनके घर में भी बच्चे की किलकारी सुनाई दें, जिसे सुनकर मन को आत्मिक संतुष्टि प्रदान हो। बच्चे की प्रत्येक चाहत को पूरा करने के लिये व्यक्ति किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है।
    बच्चे का जन्म होने पर पंडित या ज्योतिषी यह बताता है कि बच्चे पर मंगल का दोष है अर्थात् मांगलिक है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है कि बच्चे के विवाह में परेशानियाँ आएंगी। किसी मंगली कन्या से ही विवाह करना होगा। कई बार तो व्यक्ति बच्चे की कुण्डली ही बदलवा देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए, आँख बंद कर लेने से रात हो गई है, ऐसा भ्रम मन में नहीं रखना चाहिए। सर्वप्रथम हमें यह समझना होगा कि जिसे हम मंगल दोष मान रहे हैं, असल में वो दोष नहीं बल्कि योग है। मंगल ऊर्जावान ग्रह हैं और यदि ये किसी भी प्रकार लग्न, राशि, तृतीय या जिस भाव को देखते हैं, उस भाव से संबंधित विषयों पर ऊर्जा प्रवाह करते हैं, यदि लग्न में है तो व्यक्ति ऊर्जावान होगा, कभी किसी से हार नहीं मानेगा। ऐसे ही परिणाम प्रत्येक भाव में अलग-अलग मिलते हैं।

लग्न - त्रिकोण व केन्द्र हैं, जो की अत्यन्त शुभ हैं।
चतुर्थ - केन्द्र हैं जो जीवन में प्राप्त होने वाले सुखो को दर्शाता हैं।
सप्तम - केन्द्र हैं जो जीवनसाथी, साझेदारी आदि विषयो को इंगित करता हैं।
अष्टम - स्त्रीयो का सोभाग्य, आयु

द्वादश - मोक्ष स्थान हैं।

    जब मंगल ऐसे शुभ स्थानों पर होंगे तो दोष कैसे हो सकता है, मेरे अनुसार तो योग होगा, दोष इसलिए कह देते होंगे कि मांगलिक व्यक्ति में ऊर्जा इतनी होगी की साधारण व्यक्ति से उसकी तुलना नहीं की जा सकती, उसके लिये बराबर का ऊर्जावान साथी ही चाहिए।
    किसी भी व्यक्ति में ये योग हो तो हमें यह समझना चाहिए की यह व्यक्ति जीवन में कभी भी असफल नहीं होगा। यदि किसी गोचरवश या  खराब ग्रह की महादशा वश असफल हुआ तो भी सफलता के लिये संघर्ष करता हुआ मिलेगा।

Sunday 7 October 2012

Kareena Kapoor


हिन्दी फिल्म में अभिनेत्रियों में करीना कपूर का अपना एक अलग ही मुकाम हैं, चूकिं सभी जानते है कि कपूर खानदान सदा से ही अभिनय के क्षेत्र का धनी रहा हैं। कपूर खानदान के कई लोगो को हम आज भी याद करतें हैं। जिनके अभिनय की छाप आज भी हमारी यादों मे बसती हैं।
वैसे तो कपूर खानदान से सिर्फ व्यक्ति ही अभिनय के क्षेत्र में आए, परन्तु रंधिर कपूर व अभिनेत्री बबीता कपूर ने पहली बार दो कपूर अभिनेत्रियों को अभिनय के क्षेत्र में उतारा।
1. करिश्मा कपूर
2. करीना कपूर
    चूकि हम यहाँ करीना कपूर की पत्रिका का विश्लेषण कर रहें हैं। अत: इन्ही के बारे में चर्चा करेंगे ओर देखेंगे की किस प्रकार पत्रिका में स्थित ग्रहो ने इनका रुख अभिनय के क्षेत्र की और करवायां। अब तक का इनका सफर कैसा रहा व आगें कैसा रहेगा। इसी वर्ष आने वाली इनकी 2 फिल्में क्या कमाल दिखएंगी।


D-1
D-9


इनकी पत्रिका में सूर्य नीचाभिलासी ग्रह है व अष्टम भाव के स्वामी होकर भाग्य भाव में 4:57 अंश पर स्थित हैं। साथ ही सूर्य,शनि के साथ स्थित हैं। नवमांश में भी सूर्य, शनि व राहु के साथ स्थित है।  सूर्य की यह स्थित जन्म के समय पिता के प्रसिद्धि व कार्यक्षेत्र में कमी को दर्शाती हैं।
        इनके पिता (रंधिर कपूर) ने अपने फिल्मी करियॅर की शुरुआत 1971 मे कल आज और कल से की, इस फिल्म के निर्देशक भी ये ही थे। 1971 से 1975 का दौर इनके लिए ठीक रहा, जिसमें रामपुर का लक्ष्मन, जवानी दिवानी हिट फिल्म रही। जबकि 1981 में बनी बीवी ओ बीवी, हरजाई, जमाने को दिखाना, कोई कमाल न दिखा पाई।

व्यक्तित्व - करीना कपूर की जन्म राशि मकर हैं ये स्वभाव से धीर, गंभीर, परोपकारी हैं।  पृथ्वी सभी को धारण कर धीरे-धीरे अपनी धुरी पर घूमती है, तथा एक निर्धारित समय में अपनी परिक्रमा पूरी करती है। ठीक इसी प्रकार का गुण करीन मे विद्यमान हैं, मकर राशि होने के कारण ये सदैव धैर्य के साथ  धीरे-धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए उसको पूरा करके ही छोड़ती हैं। लक्ष्य चाहे चट्टान की भांति कठोर ही क्यों न हो, यह शांत रहकर दृढ़ इच्छा व आत्म विश्वास के साथ उसे पाने के लिए जुटी रहती हैं। फिल्म चमेली इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
इस राशि के स्वामी शनिदेव हैं जो शनैश्चर भी कहे  जाते हैं। शनै: + चर यानि धीरे चलने वाले।
करीना अनुशासन प्रिय हैं तथा तर्क देने में भी निपुर्ण  हैं, अनुशासन के विरुद्ध जाने पर व्यक्ति को दण्ड देने से भी नहीं चूकती हैं।
मकर राशि का चिह्न 'जलमृग' है। फलत: करीना कपूर के स्वभाव में मृग सी चंचलता व सौम्यता हमें देखने को मिलती है।
करीना कपूर का जन्म  नक्षत्र श्रवण हैं, जिसके चारो चरण मकर राशि में आते हैं। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं अत: इस नक्षत्र पर शनि एवं चंद्रमा का सम्मिलित प्रभाव रहता है। श्रवण का अर्थ है - सुनना । इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सुनने के महत्व को समझते हैं तथा गंभीर ज्ञानी होते हैं। सुनकर सीखने की लालसा भी सदैव बनी रहती है। इनका ध्यान संगीत, कला व अधिकाधिक ज्ञान पाने की ओर ही सदैव लगा रहता है। यही कारण हैं कि इनका रुझान फिल्मों कि तरफ हुआ।
चंद्रमा अभिव्यक्ति देते हैं व शनि एकाग्रता। चंद्रमा की अभिव्यक्ति, शनि की एकाग्रता से मिलकर ज्ञान का विस्तार वाक् चातुर्य के साथ होता है। परिणामस्वरूप ये सभी के साथ मित्र  व्यवहार रखती हैं।
इस नक्षत्र के स्वामी देवता सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु हैं । ये पूर्णत: सजग मस्तिष्क के तथा नियंत्रित स्वभाव वाली हैं। इनमें अधीरता नाम मात्र की भी नही हैं।
करीना सरलता, सौम्यता व कठोरता का मिला-जुला रूप हैं परन्तु सुनने के गुण के कारण ही कई बार अर्थहीन एवं बुरी सलाहों में भी फँस जाती हैं, जिसका बुरा प्रभाव इनके व्यक्तित्व पर पडता हैं।
महादशा:-
1. करीना के जन्म के समय चन्द्रमा में शुक्र की दशा चल रही थी, महादशानाथ चन्द्रमा शनि क्षेत्री हैं व अन्तर्रदशानाथ शुक्र की राहु के साथ युति हो रही हैं। पाराशरी पद्धति के अनुसार महा दशा व अन्तर्रदशा सम-सप्तक हो तो वह दशा परम कष्टदायक होती है। करीना को सुखेश मंगल की दृष्टि व सप्तमेश चन्द्रमा के कारण तो सभी का प्यार मिला, किन्तु पारिवारिक स्थिति कमजोर ही रही।

2. मंगल की महादशा चन्द्रमा की अपेक्षा अच्छी रही, किन्तु मंगल में सूर्य में विशेष कष्ट देखने को मिले,। इसी दौरान 17-12-87 से 14-12-90 तक शनि की साढ़ेसाती के प्रथम पक्ष ने भी कष्टों को और बढ़ाया, परिणाम स्वरुप पारिवारिक मतभेद बढऩे लगे, जिसके कारण इन्हें कपूर खानदान से अलग होना पडा।

3. कर्क के राहू की दशा 7-9-88 को शुरु हुई, राहु में गुरु 21-5-91 को शुरु हुए, तब पारिवारिक स्थिति में सुधार हुआ, पत्रिका के अनुसार राहु में गुरु में स्वयं का घर, सवारी, मोटरगाड़ी, सम्मान आदि प्राप्त होता है, यह वही वर्ष है, जब करिश्मा ने अपने कयिर की शुरुआत की व पिता की हिना फिल्म हिट हुई, जिसके निर्माता व निर्देशक रंधिर कपूर न ही थे।

4. राहु में शुक्र की दशा में शुक्र पत्रिका से दशमेश व पंचमेश होकर सप्तम भाव में राहु के साथ स्थित हैं, और षड्बल में भी बलवान हैं, राहु के साथ होने के कारण ''कहो न प्यार है'' में कार्य नहीं कर पाई और रिफ्यूजी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई, किन्तु शुक्र ने इन्हें नवोदित कलाकार का पुरस्कार अवश्य दिलवाया। सप्तम भाव साझेदारी का भाव भी होता हैं, इस दशा में ही ''कभी खुशी कभी कम'' रिलीज हुई, जिसने 490 करोड़ का बिजनेस किया व इनके कार्य को लोगों ने सराहा। क्योंकि इसमें करीना के अलावा अन्य कलाकार भी थे।
जिवन में नया मोड -
    राहु की दशा कुल मिलाकर बढिय़ा साबित हुई, राहु - चन्द्रमा में हुई रिलीज हुई फिल्म ''चमेली'' ने इस फिल्म में विशेष प्रदर्शन के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार ( Film Fare Award for Speical Performance )  व फिल्म ''देव (DEV)'' ने भी अच्छी अभिनेत्री ( Best Actress ) का पुरस्कार दिलाया।

जिवन साथी -
    काफी समय तक मीडिया में शाहिद कपूर के साथ इनके किस्से छाए रहें। स्त्री की पत्रिका में गुरु पति के कारक होते हैं जोकि इनकी पत्रिका अष्टम भाव में स्थित होकर अस्त हैं।  लगभग गुरु व गुरु में केतु की दशा में इनके बीच मतभेद बढ़े। अष्टमस्थ गुरु व लग्न में स्थित केतु के कारण ऐसा हुआ।  इसके बाद गुरु में शुक्र की दशा 25-09-2007 से 01-02-2008 में बीच रही जब सैफ अली खान इनके जीवन में आए व इन्होंने मीडिया के सामने अपने को As a Lovers मान भी लिया।
    करीना कपूर की पत्रिका में पंचमेश व सप्तमेश की पूर्ण दृष्टि लग्न व नवांश पर होने से इनके प्रेमविवाह  को दर्शाती है।

आगामी आने वाली इनकी फिल्म कैसी रहेंगी -
    शनि लग्नेश होकर अस्त हैं, पाराशरीय ज्योतिष के अनुसार अस्त ग्रहों की दशा में लाभ प्राप्त न के बराबर ही होता है। इनके गुरु व शनि दोनों अस्त हैं और गुरु-शनि में शनि की दशा 25-10-2008  20-03-2009 तक रही। इस दौरान रिलीज हुई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल न कर पाई।

हीरोइन -     करीना की सितम्बर-2012 में रिलीज होने वाली फिल्म ''हीरोइन'' बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। क्योंकि इनकी पत्रिका में गुरु अस्त हैं व द्वादश व तृतीय भाव के स्वामी होकर अष्टम भाव में स्थित हैं।
    ''हीरोइन'' के रिलीज के समय भी दोनो अस्त ग्रहो की दशा-अन्तर्दशा थी। अत: ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल न कर पाई।

आगामी फिल्म तलाश - यह फिल्म लोकप्रिय रहेगी व कैरियर में मील का पत्थर साबित होगा। यदि यह फिल्म 27-11-12 से 07-12-2012 के बीच रिलीज होती हैं तब, अगर ये 27 से पहले रिलीज हुई तो हिट होना मुश्किल रहेगा।
    जीवन में सदैव आगे बढ़ते रहने व जीवनसाथी व स्वयं के बीच सामंजस्य स्थापित बनाये रखने के लिए गुरु व शनि के उपाय करते रहने चाहिए। साथ ही गणेश जी के प्रति विश्वास बनाए रखना चाहिए।