आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग और अपनी गति से भ्रमण करते हुए एक राशि से दुसरी राशि में प्रवेश करते हैं। "गो" शब्द संस्कृत की "गम्" धातु से बना हैं और इसका अर्थ हैं चलने वाला।
फलित कथन में गोचर वश ग्रहों के भ्रमण का एक अलग ही प्रभाव हैं, जब ज्योतिषी किसी व्यक्ति का भविष्यफल बताता है तो पत्रिका में स्थित सभी पहलूओं के साथ-साथ गोचर का भी विशेष ध्यान रखता हैं। यदि ऐसा नही करेगा तो भविष्यफल सटीक नही होगा।
इसको हम यू समझ सकतें है
1. किसी व्यक्ति के भाग्येश कि दशा चल रही हैं, और उसकी राशि से शनि बारहवें भाव में गोचर अशुभ भाव के स्वामी होकर, उस समय यदि ये कहे की समय अच्छा जायेगा तो सही नही होगा, क्योकि शनि का राशि से बारहवें भाव से गोचर व्यक्ति को साढ़ेसाती लगना कहलाता हैं। राशि से इस भाव में शनि का गोचर अशुभ परिणाम देते हैं, और यदि राशि स्वामी शनि के शत्रु हो तो परिणाम और भी भयावह तो अच्छा समय रहेगा यह हम नही कह सकतें।
2. किसी व्यक्ति के विवाह की बात पिछले 4 महीने से चल रही थी, अचानक मामला थम गया, और पता चला की 2 महीने बाद सगाई हो गई और विवाह की तारीख भी तय हो गई ऐसा कैसे हुआ।
3. किसी का परमोश होना था, 2 महिने के लिए Post-pond हो गया। और किसी का रुका हुआ काम बन गया ऐसा अचानक क्यो होता हैं।
आईये जानें-
प्रत्येक ग्रहों का भ्रमण व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव डालता है, प्रत्येक ग्रह के गोचर का समयकाल भी अलग-अलग होता हैं।
आईये जानें-
प्रत्येक ग्रहों का भ्रमण व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव डालता है, प्रत्येक ग्रह के गोचर का समयकाल भी अलग-अलग होता हैं।
शनि और बृहस्पति हमारे नव ग्रहो में सबसे बडे ग्रह है अत: इनका गोचरीय प्रभाव भी लम्बे समय तक रहता है। शनि का ढाई वर्ष बृहस्पति का एक वर्ष तक गोचरीय प्रभाव रहता है। आज यहा हम बृहस्पति के गोचर की चर्चा करेंगे।
मेष- गोचरवश बृहस्पति द्वितीय भाव में भ्रमण करें तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, धन में वृद्धि होगी लेकिन व्यय की अधिकता रहेगी। जिसकी पूर्ति के लिए कर्ज भी लेना पड सकता हैं। मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी तथा कार्यक्षेत्र में भी उन्नति होगी। वाणी प्रभावशाली रहेगी। रूके हुए कार्य बनेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। कुल मिलाकर ये गोचर आपके लिए शुभ रहेगा।
वृषभ- गोचरवश बृहस्पति का प्रथम भाव से गोचर आपके लिए मिलेजुले परिणाम लाया है। ये समय आपको मानसिक दबाव रहेगा। बिना वजह धन खर्च होगा। किसी वजह से आपका मन उदास रह सकता है। ये समय आपका बहुत ही कठिनाईयों भरा रहेगा, जिसकी वजह से आप परेशान रहेंगे। किसी गहन धार्मिक विषय के प्रति आपकी रूचि बढेगी। भाग्य आपका साथ देगा तथा गुरूजनों का एवं बड़ों का आपको सहयोग मिलेगा। धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी। जिन लोगों के विवाह सम्बन्ध रूके हुए हैं उनमें गति आयेगी। घर में नए मेहमान (संतान) के आने की सुचना प्राप्त होगी।
मिथुन- व्यवसाय के सम्बन्ध में विदेश यात्रा के योग बनेंगे। निवास स्थान से दूर रहने की स्थितियां उत्पन्न होंगी तथा आप घर से दूर ही रहेंगे। स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिसके लिए अस्पताल आदि के चक्कर लगाने पड़ेंगे तथा धन खर्च होगा। इसलिए स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। धार्मिक कार्यों, यात्राओं आदि पर धन खर्च होगा तथा धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। कर्ज बढेगा।
कर्क- आय में वृद्धि होगी तथा आय के स्रोत भी बढ़ेंगे। बड़ों का सहयोग मिलेगा। छोटी किन्तु लाभदायक यात्राएं होंगी। छोटे भाई-बहनों के जीवन में भी उन्नतिदायक समय है। कार्यक्षेत्र में पदवृद्धि का समय है। नये प्रेम सम्बन्ध भी बन सकते हैं। जो लोग विवाह के योग्य हैं, उनके विवाह की बातो में तेजी आएगी तथा उन्हें इसमें शुभ परिणाम भी मिलेंगे। शत्रु स्वत: ही समाप्त होते चले जाएंगे।
सिंह- व्यापारिक एवं कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी। पदवृद्धि होगी। व्यवसाय में धनलाभ होगा, कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात होगी। यश प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कोर्ट, कचहरी के मामलों में फैसले आपके पक्ष में रहेंगे। स्वास्थ्य समस्या यदि कोई चल रही हो तो उसमें सुधार होगा। आर्थिक दृष्टि से ये वर्ष आपके लिए शुभ रहेगा। चल-अचल सम्पति की प्राप्ति होगी।
कन्या- गुरू के इस गोचर में आपको अपनी फिटनेस के प्रति बहुत ही सजग रहना होगा क्योंकि इस समय आपके वजन में वृद्धि होगी। छोटे भाई-बहनों के लिए समय अच्छा रहेगा, उनके विवाह सम्बन्ध भी हो सकते हैं। धार्मिक यात्राएं होंगी तथा किसी तीर्थस्थान या धार्मिक स्थल पर भी जा सकते हैं। पिता, गुरू अथवा गुरूतुल्य व्यक्तियों का आपको सहयोग प्राप्त होगा, लेकिन आपकी शिक्षा में बाधा उत्पन्न हो सकती है। जिन दंपतियो को अभी तक संतान सुख की प्राप्ति नही हुई है, उन्हें इस विषय में शुभ समाचार प्राप्त होगें।
तुला- गुरू का यह गोचर आपके लिए बहुत कष्टदायक एवं समस्याओं से भरा हुआ रहेगा। अनावश्यक धन का व्यय होगा। आपको कर्ज लेने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। व्यवसाय में हानि हो सकती है। अत्यधिक परिश्रम करना पड़ेगा। कार्यभार बढऩे से अतिरिक्त कार्य भी करना पड़ेगा, जिस कारण खाने-पीने का भी समय निर्धारित नहीं रहेगा। धनहानि के योग है। सम्पत्ति की भी अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है, क्योंकि हानि की सम्भावना है। माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे। लोकप्रियता में कमी आयेगी। गहन अध्ययन में आपकी रूचि बढ़ेगी लेकिन आपको इसमें बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
वृश्चिक- गुरू का यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा, बड़े भाई-बहनों का आपको सहयोग मिलेगा एवं उनका स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। अविवाहितों के विवाह की बातें गति पकड़ेंगी या उनका विवाह होगा, लेकिन विवाहित व्यक्तियों के वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। आप अपनी तरफ से प्रयास करें इससे बचने के। वैवाहिक जीवन में असंतोष बढेगा। अपने से छोटे भाई-बहनों के साथ रिश्तों में गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है। इसलिए कोई निर्णय लेने में धैर्य से काम लें। व्यवसाय अच्छा रहेगा। नई कोई साझेदारी हो सकती है। आयवृद्धि होगी एवं आय के नये स्रोत बनेंगे।
धनु- बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए सामान्य रूप से शुभ रहेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, लापरवाही ना बरतें। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। व्यवसाय अथवा कार्यक्षेत्र में उन्नति करेंगे। इस समय आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे। यदि कोई प्रतिस्पर्धा परीक्षा दे रहे हैं तो उसमें सफलता मिल सकती है। भूमि, भवन एवं पारिवारिक सम्पत्ति के सम्बन्ध में कोई विवाद इस समय उभर सकता है। माता से वैचारिक मतभेद उत्पन्न होंगे। इस समय यात्राओ पर खर्च बढेगा, जोकि लाभदायक सिद्ध होगी। आर्थिक रूप से स्थिति अच्छी बनी रहेगी।
मकर-
गुरू का यह गोचर आपके लिए महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली रहेगा। पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सन्तान का जन्म हो सकता है या होने की सम्भावना हो सकती है। किसी विशेष विषय के अध्ययन के प्रति आपकी रूचि बढ़ेगी तथा आप उसे ग्रहण भी करेंगे। प्रेम सम्बन्ध स्थापित होंगे। भाग्य आपका साथ देगा। गुरूतुल्य व्यक्तियों का सहयोग मिलेगा। बड़े भाई-बहनों का भी समर्थन मिलेगा। किसी इच्छा की भी पूर्ति होगी, आय बढ़ेगी।
कुंभ- धन सम्पत्ति, पैतृक सम्पत्ति के प्रति बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है, अन्यथा हानि होने की आशंका है। बहुत ज्यादा अनावश्यक धन खर्चे से आर्थिक स्थिति खराब होगी। माता के स्वास्थ्य के प्रति भी सावधानी जरूरी है, उनको स्वास्थ्य कष्ट हो सकता है। कार्यक्षेत्र में अनचाहे स्थान परिवर्तन के योग हैं। घर से दूर जाना पड़ सकता है। मित्रों एवं बड़े भाई-बहनों का सहयोग भी आपको नहीं मिलेगा तथा उनसे आपके सम्बन्ध भी खराब होंगे। अनावश्यक यात्रा पर धन खर्च होगा। अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। अत्यधिक खर्चे एवं हानि के योग हैं। गुरू का यह गोचर आपके लिए बहुत अधिक शुभ परिणाम लेकर नहीं आया, अत: सावधानीपूर्वक यह वर्ष निकालें। अपनी प्रत्येक व्यक्ति, वस्तु के प्रति अतिरिक्त सजग रहें, अन्यथा हानि की सम्भावना है।
मीन- लम्बी अथवा छोटी दोनों की तरह की यात्राएं होंगी तथा आपको इनसे लाभ भी होगा। पराक्रम में इस समय वृद्धि होगी। व्यवसाय अथवा नौकरी में परेशानी के बाद भी आप कोई महत्वपूर्ण एवं साहस भरा निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे। जो लोग अविवाहित हैं, उनके विवाह हो सकते हैं। भाग्य आपका साथ देगा। धार्मिक स्थानों की यात्रा करेंगे। आय के स्रोत बढ़ेंगे। इच्छाओं की पूर्ति होगी। बड़ों का सहयोग भी प्राप्त होगा।